रात का ख्वाब
Date- 30/06/2020
नमस्ते
दोस्तों,
मेरा
नाम सोनिया तिवारी है। मै बहुत कुछ सोचती हूँ, पर कह नहीं पाती। इसलिए मैं इस ब्लॉग के जरिये आप सबसे जुड़ना चाहती हूँ और अपनी भावनाओ को आप सबसे शेयर करना चाहती हूँ। आज मैं अपने पहले ब्लॉग की शुरुआत अपनी ही लिखी हुई एक कविता से कर रही हूँ। ये कविता एक कविता नहीं, बल्कि मेरा समर्पण है अपने पति के लिए। ये मेरे दिल की आवाज है जो उन तक मैं अपने कविता के माध्यम से पहुँचाना चाहती हूँ।
''रात का ख्वाब''
कल रात
मैंने
एक
ख्वाब
देखा,
उसमें था
एक
चाँद
सा
चेहरा।
सुबह हुई
सब
भूल
गयी,
पर मन
पे
स्वप्न
का
छाप
था
गहरा।।
एक
दोस्त
ने
पूँछा,
दोस्त
मेरे,
तेरे
ख्वाबों
में
कौन
आया
था।
क्यों
उड़ा
था
तेरे
चेहरे
का
रंग
?
कौन
दिल
पर
तुम्हारे
छाया
था।।
मैँ कहती
क्या,
चुप
रहती
क्या,
मैँ बोल
पड़ी
बस
इतना
ही।
सब भूल
गयी
कुछ
याद
नहीं,
बस याद
है
मेहंदी
सजना
दी।।
मिल
जाए
कहीं
वो
नूरे
-नज़र,
मैँ
पूंछुंगी
उनसे
बात
यही।
मेरे
ख्वाबों
में
रोज
आने
वाले,
कहीं
तुम
मेरे
साजन
तो
नहीं
!!
कहीं
तुम
मेरे
साजन
तो
नहीं।।
धन्यवाद्।
सोनिया
तिवारी
I am glad to see this poetry. Very beutifuly written.Thanks for sharing this.
जवाब देंहटाएं