हमसफ़र

नमस्ते दोस्तों,

जीवन में यूँ तो कई परेशानियां आती है,लेकिन अगर कोई हमसफ़र साथ हो तो मुश्किलों का सामना करना काफी आसान हो जाता है। कितना भी लम्बा सफर क्यों न हो एक अच्छा हमसफ़र साथ होने से राह आसान हो ही जाती है। मैं उन्ही चंद खुसनसीब लोगों में से हूँ, जिनका हमसफ़र न सिर्फ अच्छा दोस्त बल्कि एक अच्छा इंसान भी होता है। ये कविता मेरे पति के लिए........

 

“हमसफ़र”

 

चलना मेरे संग हर कदम पर,

साथी बनके मेरा हमसफ़र।

मुझे देना सहारा बांहो का,

जब हो पथरीली जीवन की डगर।।

 

देख कमियां मेरी कभी मुझसे

मुँह नहीं मोड़ लेना तुम,

जो हाथ मेरा थामा है तो अब

हाथ नहीं ये छोड़ना तुम।

 

बनके फूल समर्पण का मैं

तेरी राहों में बिछ जाउंगी।

कहीं देख न ले ये दुनिया मुझे,

तेरी बाहों में छिप जाउंगी।।

 

लेकर तेरे चरणों की रज को

माथे से अपने लगाऊंगी,

नहीं चुटकी भर सिंदूर तो क्या

मैं धूल से मांग सजाऊंगी।

मैं धूल से मांग सजाऊंगी।।

 

धन्यवाद,

सोनिया तिवारी


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