कोरोना और मानवता
"कोरोना और मानवता"
बरसा रहा है कहर दुनिया पर
दुर्भाग्य कोरोना लाया है
अपनों ने ही अपनों को
दरवाजे पर से हटाया है।
तड़प रहा है दर्द से कोई
हम अपनी जान छुड़ाते है
क्या पता कोरोना ही हो
हम यही सोच सकुचाते है।
जागरूकता अच्छी है पर
संवेदनहीन नहीं होना,
थोड़े से डर की खातिर तुम
अपनी इंसानियत को मत खोना।
अपनी भी तुम जान बचाओ
दुसरो की भी ढाल बनो,
कुछ और नहीं ज्यादा करना
बस एक अच्छे इंसान बनो।
देख हमारा बुलंद हौसला
ये ढीठ कोरोना हारेगा
सूखे पतझड़ से जीवन में
मधुबन पाँव पसारेगा।
दृढ़ कर लो अपनी इच्छाशक्ति
बिलकुल निराश नहीं होना
दिन में कई बार अपने
हाथो को साबुन से धोना।
गमछा, मास्क लगाओगे तो
सांस नहीं फूल जाएगी,
जब साथ होगा हिन्दोस्तान तो
ये महामारी भाग जाएगी।
खिल जाएगी फिर से कलियाँ
जन - जन के घर आँगन में
मुस्कुराएगी फिर मानवता
हर किसी इंसान के मन मे।
सरकार का साथ निभाओ
करके पालन सारे नियमो का
थोड़े समय की पाबन्दी है
फिर लेना मजा घूमने का।
मरने न दो मानवता को
अपना धर्म निभाओ तुम,
करो बचाव कोरोना से खुद का
और सबको सजग बनाओ तुम।।
भारत माता के वीरो को खुद
माँ भारती ने पुकारा है।
चलो बता दे कोरोना को कि
ये हिन्दोस्तान हमारा है।
ये हिन्दोस्तान हमारा है।।
धन्यवाद
सोनिया तिवारी
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