मेरी बिटिया रानी


नमस्ते दोस्तों,
मैं अपनी आज की ये रचना अपनी बेटी को समर्पित करती हूँ। मेरी एक प्यारी सी बेटी है और मैं उसे बहुत प्यार करती हूँ। मेरी बेटी के मेरे जीवन में आने के बाद मैंने फिर से हंसना सीखा है। उसकी वजह से मुझे जीवन से और ज्यादा प्यार हो गया है। भगवान मेरी बेटी और दुनिया की हर बेटी को हमेशा खुश रखे......

"मेरी बिटिया रानी"

भर जाता है घर खुशियों से
आती है ऋतु मस्तानी
ठुमक -ठुमक कर चलती है जब,
मेरी बिटिया रानी।
मेरी बिटिया रानी।।

जीवन मेरा रहा था तनहा
जब तक वो ना आयी थी,
चेहरे पर मायुसी की तब,
घनघोर बदरिया छायी थी।

झर -झर के बह जाता है
मेरी आँखों से खुशियों का पानी,
ठुमक - ठुमक कर चलती है जब
मेरी बिटिया रानी।
मेरी बिटिया रानी।।

देख कर उसका चेहरा मैं
हर गम बिसरा देती हूँ
उसकी हर बदमाशी में,
मैं अपना बचपन जीती हूँ।

कर देती है दूर उदासी
बातो से है वो सयानी,
ठुमक - ठुमक कर चलती है
ये मेरी बिटिया रानी।
मेरी बिटिया रानी।।

मेरा ही तो अक्श है वो
वो है मेरी परछाई
मेरे जैसे नैन - नक्श है,
है उसने मेरी सूरत पायी।

मुँह से तो है मम्मा कहती
बातों से है बनती नानी
ठुमक - ठुमक कर चलती है
हाँ ! मेरी बिटिया रानी।
मेरी बिटिया रानी।।

ये मेरा सौभाग्य है की
बेटी को मैंने जनम दिया,
बेटी ही दुर्गा माता है,
बेटी ही राधा और सिया।

बेटी की इज्जत करने से
खुश हो जाती है माँ भवानी
भगवान करे हर घर- आँगन में,
चहके बिटिया रानी।
अंधकार में दिव्य - ज्योति के जैसी,
मेरी बिटिया रानी।
मेरी प्यारी बिटिया रानी।।

धन्यवाद,
सोनिया तिवारी


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