अमर रहेगा हिन्दोस्तान
"अमर रहेगा हिन्दोस्तान"
थर - थर कांपे धरती, अम्बर, दुश्मन का दिल डोला है,
भारत माँ के वीर चले जब, पहन के खाकी चोला है।।
अब क्या रुकना राहों में जब, हाथो में तिरंगा थाम लिया।
वीरों ने जब अपना छप्पन इंच का सीना नाप लिया।।
जो बढ़ चले है अब कदम, ये कदम नहीं रुकने देंगे।
अब किसी के आगे हम अपने देश को ना झुकने देंगे।।
भारत माँ का नाम रहेगा, जब तक चाँद सितारा है।
गूँजेगा कण - कण में नारा, हिन्दोस्तान हमारा है।।
भारत माँ के चरणों में हम अपना शीश चढ़ायेंगे।
अमन, चैन की नयी चुनरिया भारत माँ को ओढ़ाएंगे।।
सुन लो चीन और पाकिस्तान जो अब ना होश में आओगे।
टकराके फिर भारत से तुम मिट्टी में मिल जाओगे।।
हम अमन पसंद लोग है हम खुद से ना टकराते है।
पर आँख फोड़ के हाथ में दे दे जो हमको आँख दिखाते है।।
अमर हमारा देश रहेगा, अमर हमारी माँ भारती है।
यहाँ जंग पे जाये सिपाही तो खुद दुल्हन तिलक करती है।।
यहाँ बेटा शहीद हो जाये तो माँ सीना चौड़ा करती है।
एक लाल कुर्बान हुआ तो दूसरे को जंग पे भेजती है।।
चारो दिशाओ में भारत माँ का गौरव शाली नाम रहे।
हम रहे ना रहे जहा में, अमर हमारा हिन्दोस्तान रहे।।
धन्यवाद
सोनिया तिवारी
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें